मुसाफिर की दुआ जब सुबह करे

215. (एक सुनने वाले ने हमारी ओर से अल्लाह की तारीफ और हम पर उसके अच्छे इन्आ़मात का शुक्र सुना। ऐ हमारे रब! हमारा साथी बन जा और हम पर फ़ज़्ल फ़रमा। अाग से अल्लाह की पनाह मांगते हुए हम ये दुआ करते हैं।) (1) ......................... (1) मुस्लिमः4/2086, ह़दीस संख्याः2718, इस ह़दीस के अर्थ के लिए देखिएः नववी द्वारा लिखी गई सह़ीह़ मुस्लिम की शरह़ः17/39

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