ताज़ियत (मैयित के घर वालों को तसल्ली देने) की दुआ
162. (अल्लाह ही का है जो उसने ले लिया और उसी का है जो उसने अता किया और उसके पास हर चीज़ के लिए एक निश्चित समय है..... इस लिए आप सब्र से काम लें और सवाब की नीयत रखें।) (1)
और अगर इस प्रकार कहे तो अच्छा हैः (अल्लाह तआला तु्म्हें बहुत ज़्यादा सवाब दे, तु्म्हें अच्छी तसल्ली दे और तुम्हारे मरने वाले को माफ़ करे।) (2)
..........................
(1) बुखारीः2/80, ह़दीस संख्याः1284, मुस्लिमः2/636, ह़दीस संख्याः923
(2) इमाम नववी की किताब अल-अज़्कार पृष्ठः126