मश्अरे हराम के पास की दुआ

238. (नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम क़सवा (ऊंटनी) पर सवार हो गए। जब मश्अरे ह़राम (मुज़्दल्फ़ा) तक पहुंचे तो क़िबले की ओर मुंह करके (अल्लाह तआला से दुआ की, अल्लाहु अकबर कहा, ला-इलाहा इल्लल्लाह कहा और तौह़ीद के शब्द कहते रहे।) अच्छी तरह़ रोशनी होने तक यहीं ठहरे रहे। फिर सूरज निकलने से पहले यहां से रवाना हुए।) (1) .............................. (1) मुस्लिमः2/891, ह़दीस संख्याः1218

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