बदफाली को नापसन्द करने की दुआ
205. (ऐ अल्लाह! नहीं है कोई नह़ूसत मगर तेरी ही नह़ूसत (अर्थात तेरे ही ह़ुक्म से), नहीं है कोई भलाई मगर तेरी ही भलाई और तेरे सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं।) (1)
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(1) अह़मदः2/220,ह़दीस संख्याः7045, इब्नुस्-सुन्नी ह़दीस संख्याः292, और शैख़ अल्बानी ने इसे सिल्सिली सह़ीह़ाः3/54, ह़दीस संख्याः1065 में सह़ीह़ कहा है। किन्तु फ़ाल (नेक फ़ाली) नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पसन्द करते थे। इसी लिए एक दफ़ा एक आदमी के मुंह से आपने एक अच्छी बात सुनी तो आपको अच्छी लगी, चुनांचे फ़रमायाः(तेरी फ़ाल हमने तेरे मुंह से ली है।) अबू दाऊद ह़दीस संख्याः3719, अह़मद ह़दीस संख्याः9040, शैख़ अल्बानी ने इसे सिल्सिली सह़ीह़ाः3/363 में सह़ीह़ कहा है और इसकी निसबत अख़्लाक़ुन-नबी पृष्ठः270 में अबुश-शैख़ की तरफ़ की है।