मस्जिद में दाखिल होने की दुआ ।
19. (ऐ अल्लाह! मेरे दिल में नूर बना दे, मेरी ज़बान में में नूर बना दे, मेरे कानों में नूर बना दे, मेरी आंखों में नूर बना दे, मेरे ऊपर नूर बना दे, मेरे नीचे नूर बना दे, मेरे दाएं और बाएं नूर बना दे, मेरे आगे और पीछे नूर बना दे , मेरे प्राण में नूर भर दे मेरे लिए नूर को विशाल और बहुत ज़्यादा बड़ा बना दे, मेरे बदन में नूर बना दे और मुझे नूर बना दे। ऐ अल्लाह! मुझे नूर अता कर, मेरी मांसपेशियों में नूर भर दे, मेरे गोश्त में नूर भर दे, मेरे खून में नूर पैदा कर दे, मेरे बालों में नूर बना दे और मेरे चमड़े में नूर भर दे।) (1)
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(1) इन सभी शब्दों के लिए देखिएः बुखारीः11/116, हदीस संख्याः6316, मुस्लिमः1/526,529,530, हदीस संख्याः763
(2) तिर्मिज़ीः5/483,हदीस संख्याः3419
(3) बुखारी की अल-अदबुल-मुफ़रद, हदीस संख्याः695, पृष्ठः258, और शैख अल्बानी ने सह़ीह़ अदबुल-मुफ़रद (हदीस संख्याः536) में इसकी सनद को सह़ीह़ कहा है।
(4) इसे इब्ने ह़जर ने फ़तह़ुल-बारी में जिक्र किया है और इब्ने आसिम की किताबुद्-दुआ की तरफ़ मंसूब किया है। देखिएःफ़त्ह़ुल-बारीः11/118, और कहा है कि विभिन्न रिवायतों से पचीस (25) चीज़ें जमा हो गईं।