दुश्मन तथा शासन अधिकारी से मुलाक़ात के समय की दुआ

126. (ऐ अल्लाह! हम तुझी को उनके मुक़ाबले में करते हैं और उनकी शरारतों से तेरी पनाह चाहते हैं।) (1) ................................. (1) अबू दाऊदः2/89, ह़दीस संख्याः1537, ह़ाकिम ने इसे रिवायत करने के बाद सह़ीह़ कहा है और ज़ह्बी ने इसकी पुष्टि की है। 2/142

127. (ऐ अल्लाह! तू ही मेरा बाज़ू (सहायक) है और तू ही मेरा मददगार है। तेरी ही मदद से दुश्मन की चालों को रोकता हूं और तेरी ही तौफ़ीक़ से मैं ह़मला करता हूं और तेरी ताक़त के साथ ही मैं दुश्मन से लड़ता हूं।) (1) ......................... (1) अबू दीऊदः3/42, ह़दीस संख्याः2632, तिर्मज़ीः5/572, ह़दीस संख़्याः3584, और देखिएः सह़ीह़ तिर्मिज़ीः3/183

128. (हमारे लिए अल्लाह ही काफ़ी है और वह बेहतरीन कारसाज़ है।) (1) ........................................ (1) बुख़ारीः5/172, ह़दीस संख्याः4563

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