सरकश शैतानों की खुफिया तदबीरों के तोड़ के लिए दुआ ।
247. (मैं अल्लाह के उन पूर्ण शब्दों की ,जिनसे कोई नेक औऱ कोई बुरा आगे नहीं गुज़र सकता, पनाह पकड़ता हूं, उस चीज़ की बुराई से, जिसे उसने पैदा किया, वजूद बख़्शा और फैलाया. और उस चीज़ की बुराई से जो आस्मान से उतरती है, और उस चीज़ की बुराई से जो उसमें चढ़ती है, और उस चीज़ की बुराई से जो उसने ज़मीन में फैलाया, और उस चीज़ की बुराई से जो उससे निकलती है और रात और दिन के फ़ितनों के शर से औऱ रात के समय हर आने वाले की बुराई से, सिवाए उस रात को आने वाले के जो भलाई के साथ आए। ऐ बहुत ज़्यादा रह़म करने वाले।) (1)
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(1) अह़मदः3/419, ह़दीस संख्याः15461, सह़ीह़ सनद के साथ। अरनाऊत ने तह़ाविया पृष्ठः133 में इसकी सनद को सहीह़ कहा है. और देखिएः मजमउज़-ज़वाइदः10/127