उस मरीज़ की दुआ जो अपनी ज़िन्दगी से मायूस हो चुका हो

150. (ऐ अल्लाह! मुझे बख़्श दे, मुझ पर रह़म कर और मुझे रफ़ीके आला के साथ मिला दे।) (1) ........................................ (1) बुखारीः7/10, हदीस संख्याः4435, मुस्लिमः4/1893,हदीस संख्याः2444

151. (रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम वफात के समय अपने दोनों हाथों को पानी में डाल कर अपने चेहरे पर फेरने लगे और कहने लगेः अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं, बेशक मौत की कुछ सख्तियां हैं।) (1) .............................. (1) बुखारी फ़त्ह़ुल-बारी के साथः8/144, ह़दास संख्याः4449, इस ह़दीस में मिस्वाक का भी उल्लख है।

152. (अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं और अल्लाह सबसे बड़ा है। अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं। वह अकेला है। उसका कोई शरीक नहीं। अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं। बादशाही उसी की है। उसी के लिए सब तारीफ़ है। अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं। अल्लाह की मदद के बिना न गुनाह से बचने की शक्ति है, न नेकी करने की ताक़त। ) (1) ................................... (1) तिर्मिज़ी ,हदीस संख्याः3430, इब्ने माजा, हदीस संख्याः3794, और शैख़ अल्बानी ने इसे सह़ीह़ सह़ीह़ कहा है। देखिएः सह़ीह़ तिर्मिज़ीः3/152, सह़ीह़ इब्ने माजाः2/317

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