हज्ज या उम्रा का एहराम बाँधने वाला कैसे तल्बिया कहे?

233. (मैं ह़ाज़िर हूं। ऐ अल्लाह! मैं ह़ाज़िर हूं। मैं ह़ाज़िर हूं तेरा कोई शरीक नहीं, मैं ह़ाज़िर हूं। बेशक तमाम तारीफ और नेमत और बादशाही तेरे ही लिए है। तेरा कोई शरीक नहीं।) (1) ............................ (1) बुख़ारी फ़त्ह़ुल्-बारी के साथः3/408, हदीस संख्याः1549, मुस्लिमः2/841, ह़दीस संख्याः1184

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