सजदे की दुआएँ ।
41. (मेरा महान रब पाक है।) तीन बार पढ़े। (1)
................
(1) अबू दाऊद, हदीस संख्याः870, तिर्मिज़ी ,हदीस संख्याः262, नसाई, हदीस संख्याः1007, इब्ने माजा, हदीस संख्याः897, अह़मद, हदीस संख्याः3514, और देखिएः सह़ीह़ तिर्मिजीः1/83
42. (पाक है तू ऐ अल्लाह! ऐ हमारे रब! और हर प्रकार की तारीफ़ तेरे ही लिए है। ऐ अल्लाह! मुझे बख़्श दे।) (1)
...................
(1) बुख़ारी हदीस संख्याः794, मुस्लिम हदीस संख्याः484, दुआ संख्याः34 में ये रिवायत गुज़र चुकी है।
43. (अत्यधिक पवित्र एवं पुणीत है फ़रिश्तों तथा रूह़ (जिब्राईल) का रब।) (1)
.................
(1) मुस्लिमः1/353, हदीस संख्याः487, अबू दाऊदः1/230, हदीस संख्याः872, दुआ संख्याः35 में ये रिवायत गुज़र चुकी है।
44. (ऐ अल्लाह! मैंने तेरे लिए ही सज्दा किया, तुझी पर ईमान लाया और तेरा ही फ़रमांबरदार बना। मेरे चेहरे ने उस ज़ात के लिए सज्दा किया जिसने उसे पैदा किया, उसकी सूरत बनाई, कानों में सूराख़ बनाए और आंखों के शिगाफ़ बनाए। बरकत वाला है अल्लाह, जो तमाम बनाने वालों से अच्छा है।) (1)
...................
(1) मुस्लिमः1/534, हदीस संख्याः771, आदि।
45. (पाक है अत्यधिक शक्ति रखने वाला, बड़े मुल्क वाला और बड़ाई तथा अ़ज़्मत वाला (अल्लाह)।) (1)
...................
(1) अबू दाऊदः1/230, हदीस संख्याः873, नसाई, हदीस संख्याः1131, अह़मद, हदीस संख्याः23980, अल्बानी ने इसे सह़ीह़ अबू दाऊदः1/166 में सह़ीह़ कहा है। दुआ संख्याः37 में ये रिवायत गुज़र चुकी है।
46. (ऐ अल्लाह! मेरे छोटे-बड़े, अगले-पिछले तथा ज़ाहिर और पोशीदा तमाम गुनाहों को बख़्श दे।) (1)
..................
(1) मुस्लिमः1/230, हदीस संख्याः483
47. (ऐ अल्लाह! मैं तेरे ग़ुस्से से तेरी रज़ा की पनाह चाहता हूं और तेरी सज़ा से तेरी माफ़ी की पनाह चाहता हूं। और मैं तुझसे तेरी पनाह चाहता हूं। मैं पूरी तरह़ तेरी तारीफ़ नहीं कर सकता। तू उसी तरह़ है, जिस तरह़ तूने ख़ुद अपनी तारीफ़ की है।) (1)
..................
(1) मुस्लिमः1/352, हदीस संख्याः486