जिसके यहाँ कोई औलाद पैदा हो उसे किस प्रकार मुबारक्बाद (दुआ) दी जाए और जिसे मुबारक्बादी दी जा रही हो वह मुबारकबाद देने वाले के लिए क्या कहे

145. (अल्लाह तुम्हें इस बच्चे में जो अता किया गया है बरकत दे, देने वाले अल्लाह का तुम शुक्र अदा करो, यह अपनी जवानी को पहुंचे औऱ तुम्हें इसका अच्छा सुलूक नसीब हो।) (1) जिसे मुबारक बाद दी जा रही हो वह मुबारक बाद देने वाले के लिए इस तरह़ दुआ करेः(अल्लाह तेरे लिए और तुझ पर बरकत फरमाये, अल्लाह तुझे बेहतरीन बदला दे, अल्लाह उस जैैसा तुझे भी नवाजे और तुझे बहुत ज़्यादा सवाब दे।) (2) .............................. (1) ह़सन बसरी के क़ौल के तौर पर नक़ल किया गया है। देखिए इब्नुल-क़ैयिम की किताब तोह़फ़तुल-मौदूद पृष्ठ संख्याः20, उनहोंने इसे इब्नुल मुन्ज़िर की अल-अवसत की तरफ मन्सूूब किया है। (2) नववी की अल-अज़कार पृष्ठ संख्याः349, देखिए सलीम हेलाली की सह़ीहुल-अज़कार लिन-नववीः2/317 और इस किताब के लेखक की तमामुत-तखरीजः1/416

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