क़र्ज़ (ऋण) अदा करते समय क़र्ज देनेवाले के लिए दुआ

202. (अल्लाह तुम्हारे लिए तुम्हारे परिवार और माल-दौलत में बरकत दे। क़र्ज़ का बदला तो सिर्फ़ तारीफ़ (शुक्रिया) और अदा करना है।) (1) ............................. (1) नसाइ की अ़मलुल्-यौमे वल-लैला पृष्ठः300, इब्ने माजाः2/809, हदीस संख्याः2424, देखिए सह़ीह़ इब्ने माजाः2/55

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