नापसन्दीदा वाकिआ पेश आने या बेबसी की दुआ

144. (अललाह ने ऐसा ही तक़दीर में लिखा था और उसने जो चाहा किया।) (1) ........................... (1) (अल्लाह के यहां ताक़तवर मोमिन कमज़ोर मोमिन से बेहतर और प्रिय है, जबकि दोनों में भलाई है, जो काम तुम्हें नफा दे उसके अभिलाषी बनो औऱ अल्लाह से मदद मांगो, बेबस होकर न बैठो, अगर तुम्हें कोई नुक़्सान पहुंच जाए तो ये मत कहोःअगर मैं इस तरह़ करता तो यह हो जाता, बल्कि यूं कहोःअललाह ने ऐसा ही तक़दीर में लिखा था और उसने जो चाहा किया। क्योंकि 'अगर' का शब्द शैतान का काम शुरू कर देता है।) मुस्लिमः4/2052, ह़दीस संख्याः2664

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