जिसे कोई मुसीबत पहुँचे वह यह दुआ पढ़े

154. (बेशक हम अल्लाह ही की मिलकियत हैं और हम उसी की तरफ़ लौट कर जाने वाले हैं। ऐ अल्लाह! मुझे मेरी मुसीबत में सवाब दे और मुझे इसके बदले में इससे बेहतर चीज़ अता कर।) (1) ................................... (1) मुस्लिमः2/632, हदीस संख्याः918

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