क़र्ज (ऋण) की अदायगी के लिए दुआ

136. (ऐ अल्लाह! मेरे लिए अपनी ह़लाल चीज़ों के साथ अपनी ह़राम चीजों से काफी हो जा और मुझे अपने फ़ज़्ल व करम द्वारा अपने सिवा सभी लोगों से बेनियाज़ कर दे।) (1) .................................... (1) तिर्मिज़ीः5/560, ह़दीस संख़्याः3563, और देखिएः सह़ीह़ तिर्मिज़ीः3/180

137. (ऐ अल्लाह! मैं तेरी पनाह मांगता हूं परेशानी से, ग़म से, आजिज़ हो जाने से, सुस्ती एवं काहिली से, कन्जूसी से, बुज़्दिली से तथा क़र्ज़ (ऋन) के बोझ एवं लोगों के ग़ल्बे से।) (1) ..................................... (1) बुखारीः7/158. ह़दीस संख्याः2893,ये रिवायत पृष्ठः83, दुआ संख्याः121 में गुज़र चुकी है।

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