बाज़ार में दाखिल होने की दुआ

209. (अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं। वह अकेला है। उसका कोई शरीक नहीं। बादशाही उसी की है। उसी के लिए सब तारीफ़ है। वह ज़िन्दा करता है औऱ मारता है और वह ख़ुद ज़िन्दा है, उसे मौत नहीं आती। उसी के हाथ में सब भलाई है और वह हर चीज़ पर क़ादिर है। (1) ........................ (1) तिर्मज़ी, ह़दीस संख़्याः3428, इब्ने माजाः5/291, ह़दीस संख़्याः3860, ह़ाकिमः1/538, और शैख़ अल्बानी ने इसे सह़ीह़ इब्ने माजाः2/21 और सह़ीह़ तिर्मज़ीः3/152 में ह़सन कहा है।

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