बेक़रारी तथा बेचैनी की दुआ ।
122. (अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं। वह महान तथा सहनशील है। अल्लाह के अलावा कोई इबादत के लायक़ नहीं, जो बड़े अर्श का रब है। अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं, जो आस्मानों का रब, ज़मीन का रब और अर्शे करीम का रब है।) (1)
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(10 बुखारीः7/154, हदीस संख्याः6345, मुस्लिमः4/2092,हदीस संख्याः2730
123. (ऐ अल्लाह! मैं तेरी रह़मत की आशा रखता हूं, इस लिए तू मुझे पलक झपकने के बराबर भी मेरे नफ़्स (आत्मा) के ह़वाले न कर और मेरे लिए मेरे तमाम काम ठीक कर दे। तेरे सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं।) (1)
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(1) अबू दाऊदः4/324, ह़दीस संख्याः5090, अह़मदः5/42, शैख़ अल्बानी ने इसे सह़ीह़ अबूदाऊदः3/959 में ह़सन कहा है।
124. (तेरे सिवा कोई भी इबादत के लायक़ नहीं, तू पाक है। बेशक मैं ही ज़ालिमों में से था।) (1)
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(1) तिर्मज़ीः5/529, ह़दीस संख़्याः3505, ह़ाकिम ने इसे रीवायत करने के बाद सह़ीह़ कहा है और ज़ह्बी ने सहमति व्यक्त की है, 1/505 और देखिएः सह़ीह़ तिर्मिज़ीः3/168
125. (अल्लाह, अल्लाह मेरा रब है, मैं उसके साथ किसी चीज़ को शरीक नहीं करता।) (1)
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(1) अबू दीऊदः2/87, ह़दीस संख्याः1525, इब्ने माजा ह़दीस संख्याः3882, देखिएः सह़ीह़ इब्ने माजाः2/335