रुकूअ की दुआएँ

33. (मेरा महान रब पाक है।) तीन बार पढ़े। (1) ................... (1) अबू दाऊद, हदीस संख्याः870, तिर्मिज़ी ,हदीस संख्याः262, नसाई, हदीस संख्याः1007, इब्ने माजा, हदीस संख्याः897, अह़मद, हदीस संख्याः3514, और देखिएः सह़ीह़ तिर्मिजीः1/83

34. (ऐ अल्लाह हमारे रब! तू पाक है। हर प्रकार की तारीफ़ तेरे ही लिए है। ऐ अल्लाह! मुझे बख़्श दे।) (1) ..................... (1) बुख़ारीः1/99, हदीस संख्याः794, मुस्लिमः1/350, हदीस संख्याः484

35. (अत्यधिक पवित्र एवं पुणीत है फ़रिश्तों तथा रूह़ (जिब्राईल) का रब।) (1) ................. (1) मुस्लिमः1/353, हदीस संख्याः487, अबू दाऊदः1/230, हदीस संख्याः872,

36. (ऐ अल्लाह! मैं तेरे ही लिए झुका (रुकूअ़ किया), तुझी पर ईमान लाया, तेरा ही फ़रमांबरदार बना और तेरे लिए झुक गए मेरे कान, मेरी आंखें, मेरा मग़्ज़ (भेजा), मेरी हड्डियां, मेरे पट्ठे, [और मेरा पूरा बदन जिसे मेरे दोनों पैर उठाए हुए हैं।]) (1) ................... (1) मुस्लिमः1/534, हदीस संख्याः771, अबू दाऊद, हदीस संख्याः760,761, तिर्मिज़ी ,हदीस संख्याः3421, नसाई, हदीस संख्याः1049,दोनों कोष्ठों के बाच का भाग इब्ने ख़ुज़ैमा, हदीस संख्याः607 औऱ इब्ने ह़िब्बान, हदीस संख्याः1901 का है।

37. (पाक है अत्यधिक शक्ति रखने वाला, बड़े मुल्क वाला और बड़ाई तथा महानता वाला (अल्लाह)।) (1) ................... (1) अबू दाऊदः1/230, हदीस संख्याः873, नसाई, हदीस संख्याः1131, अह़मद, हदीस संख्याः23980, इसकी सनद ह़सन है।

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