जिसको अपनी ही नज़र लगने का भय हो तो वह क्या करे ?
244. (जब तुम में से कोई अपने भाई, ख़ुद अपने अन्दर या अपने माल में ख़ुश करने वाली चीज़ देखे तो उसके लिए बरकत की दुआ करे, क्योंकि नज़़र लग जाना ह़क़ है।) (1)
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(1) मुस्नदे अह़मदः4/447, ह़दीस संख्याः15700, इब्ने माजा, हदीस संख्याः3508, मालीक-3/118-119,शैख़ अल्बानी ने इसे सह़ीह़ुल जामेः1/212 में सह़ीह़ कहा है।और देखिएः अरनाऊत की तह़क़ीक़ ज़ादुल-मआ़दः4/170