नींद में बेचैनी और घब्राहट की दुआ ।
113. (मैं अल्लाह के पूर्ण शब्दों की पनाह पकड़ता हूं उसके ग़ुस्से से, उसकी सज़ा से, उसके बन्दों के शर से, शैतानों के चाकों से और इस बात से कि वे मेरे पास ह़ाज़िर हों।) (1)
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(1) अबू दाऊदः4/12, हदीस संख्याः3893,के हैं, तिर्मिज़ी ,हदीस संख्याः3528, देखिएः सह़ीह़ तिर्मिज़ीः3/171