रात को करवट बदलते समय की दुआ ।
112. (अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं। वह अकेला औऱ शक्तिमान है। आस्मानों, ज़मीन और उनके बीच की सारी चीज़ों का रब है। बहुत ग़ालिब एवं बहुत माफ़ करने वाला है।) (1)
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(1) जब रात को करवट बदले तो ये दुआ पढ़े। इसे ह़ाकिम ने रिवायत करके सह़ीह़ कहा है और ज़हबी ने सहमति व्यक्त की है, 1/540, नसाई की अ़मलुल-यौमे वल-लैला,हदीस संख्याः202, इब्नुस्-सुन्नी हदीस संख्याः757 और देखिएः सह़ीह़ुल-जामेः4/213