रुकूअ से उठने की दुआएँ ।
38. (अल्लाह ने उसकी सुन ली, जिसने उसकी तारीफ़ की।) (1)
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(1) बुखारी फ़त्ह़ुल-बारी के साथः2/282, हदीस संख्याः796
39. (ऐ हमारे रब! तेरे ही लिए तमाम तारीफ़ है, अत्यधिक पाकीज़ा और बरकत वाली तारीफ़।) (1)
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(1) बुखारी फ़त्ह़ुल-बारी के साथः2/284, हदीस संख्याः796
40. (ऐ अल्लाह! तेरी ही तीरीफ़ है, इतनी कि भर जाए उससे आस्मान, ज़मीन औऱ जो कुछ उन दोनों के बीच में है और भर जाए हर वो चीज़ जिसे तू चाहे। तू तारीफ़ तथा बुज़ुर्गी वाला है। सबसे सच्ची बात जो बंदे ने कही ये है कि- और हम सब तेरे बंदे हैं- ऐ अल्लाह! जो तू दे उसे कोई रोकने वाला नहीं और जो तू रोक ले उसे कोई देने वाला नहीं, और किसी शान वाले को उसकी शान तेरे यहां कोई फ़ायदा नहीं पहुंचा सकती।) (1)
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(1) मुस्लिमः1/346, हदीस संख्याः477