सवारी पर सवार होने की दुआ

106. (अल्लाह के नाम से। हर प्रकार की तारीफ़ अल्लाह के लिए है। (पाक है वह ज़ात जिसने इस सवारी को हमारे क़ाबू में कर दिया है, ह़ालांकि हम इसे अपने क़ाबू में नहीं कर सकते थे। हम अपने रब की ओर लौट कर जाने वाले हैं।), (सब तारीफ़ अल्लाह के लिए है। सब तारीफ़ अल्लाह के लिए है। सब तारीफ़ अल्लाह के लिए है। अल्लाह सबसे बड़ा है। अल्लाह सबसे बड़ा है। अल्लाह सबसे बड़ा है। ऐ अल्लाह! तू पाक है। निःसंदेह मैंने अपनी जान पर ज़ुल्म किया है, अतः मुझे माफ़ कर दे, क्योंकि तेरे सिवा कोई गुनाहों को माफ़ करने वाला नहीं।) (1) .................................. (1) अबू दाऊदः3/34, ह़दीस संख्याः2602, तिर्मिज़ीः5/501, ह़दीस संख़्याः3446, और देखिए सह़ीह़ तिर्मिज़ीः3/156, दोनों आयतों के लिए देखिएः सूरा ज़ुख़रुफ़ आयत संख्याः13-14

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