बीमार पुर्सी के वक्त मरीज़ के लिए दुआ
				
				
				
				
									
						
						
						147. (कोई ह़रज नहीं, अल्लाह ने चाहा तो यह बीमारी (गुनाहों से) पाक करने वाली है।) (1)
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(1) बुखारी फ़त्ह़ुल-बारी के साथः10/118, ह़दास संख्याः3616													
											 
									
						
						
						148. (मैं बड़ी अ़ज़मत वाले अल्लाह से जो अर्शे अज़ीम का रब है सवाल करता हूं कि वह तुझे शिफा दे।) (सात बार) (1)
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(1) कोई मुसलमान ऐसे मरीज़ की बीमार पुर्सी करे, जिसकी मौत का समय न आ पहुंचा हो और सात बार यह दुआ पढ़े तो अल्लाह के ह़ुक्म से उसे शिफ़ा मिल जाती है।)  तिर्मज़ी ह़दीस संख़्याः2083, अबू दीऊद ह़दीस संख्याः3106,और देखिएः सह़ीह़ तिर्मिज़ीः2/210 और सह़ीह़ुल-जामेः5/180