सफर के दौरान जब मुसाफिर किसी मन्ज़िल (स्थान) पर उतरे उस समय की दुआ

216. (मैं अल्लाह के पूरे शब्दों के साथ पनाह चाहता हूं उस चीज़ की बुराई से जो उसने पैदा की है।) (1) ......................... (1) मुस्लिमः4/2080, ह़दीस संख्याः2709

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