जिसे अपने ईमान में शक होने लगे तो वह यह दुआ पढ़े
133. (अल्लाह की पनाह मांगे।) (1)
(जिस चीज़ से शक पैदा हो रहा है, उससे रुक जाए।) (2)
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(1) बुख़ारी फ़त्ह़ुल्-बारी के साथः6/336, हदीस संख्याः 3276, मुस्लिमः1/120,हदीस संख्याः134
(2) बुख़ारी फ़त्ह़ुल्-बारी के साथः6/336, हदीस संख्याः 3276, मुस्लिमः1/120,हदीस संख्याः134
134. यह दुआ पढ़ेः (मैं ईमान लाया अल्लाह और उसके रसूलों पर।) (1)
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(1) मुस्लिमः1/119-20,हदीस संख्याः134
135. अल्लाह तआला का यह फ़रमान पढ़ेः (वही प्रथम है, वही अंतिम है, वही ज़ाहिर है, वही छिपा है और वह हर चीज़ को जानने वाला है।) (1)
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(1) सूरा ह़दीद, आयत संख्याः3, अबू दीऊदः4/329, ह़दीस संख्याः5110, शैख़ अल्बानी ने इसे सह़ीह़ अबू दाऊदः3/962 में ह़सन कहा है।