बच्चे पर नमाज़े जनाज़ा की दुआ

160. (ऐ अल्लाह! इसे क़ब्र के अज़ाब से बचा।) (1) ये दुआ पढ़ना भी बेहतर हैः (इसे इसके मां-बाप के लिए पहले जाकर मेहमान नवाज़ी की तैय़ारी करने वाला और ज़खीरा बना दे और ऐसा सिफ़ारिशी बना दे जिसकी सिफारिश क़बूल हो। ऐ अल्लाह! इसके द्वारा इसके मां-बाप के तराज़ू को भारी कर दे, इसके द्वारा उन दोनों के सवाब को बढ़ा दे, इसे नेक मोमिनों के साथ मिला दे, इसे इब्राहीम की कफ़ालत में कर दे और अपनी रह़मत से इसे जहन्नम के अज़ाब से बचा। ऐ अल्लाह! इसे बदले में इसके घर से अच्छा घर और इसके घर वालों से अच्छे घर वाले दे। ऐ अल्लाह! हमारे अस्लाफ, पहले जाकर मेहमान नवाज़ी की तैयारी करने वालों और हमसे पहले गुज़रे हुए ईमान वालों को माफ़ कर दे।) (2) ................................. (2) सईद बिन मुसैयिब कहते हैं कि मैंने अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु के पीछे एक ऐसे बच्चे की नमाज़े जनाज़ा पढ़ी, जिसने कभी कोई पाप नहीं किया था, मैंने उन्हें इन शब्दों में दुआ करते हुए सुना.........) इमाम मालिक की मुअत्ताः1/288, मुसन्नफ़ इब्ने अबी शैबाः3/217, बैहक़ीः4/9, इसकी सनद को शुऐब अरनाऊत ने बग़वी की शरह़ुस्-सुन्ना की तह़कीक में सह़ीह़ कहा है।5/357 (1)देखिए इब्ने क़ुदामा की मुग़नीः3/416, और शैख़ इब्ने बाज़ (रहि) की किताब अद-दुरूसुल-मुहिम्मा पृष्ठः15

161. (ऐ अल्लाह! इसे पहले जाकर मेहमान नवाज़ी की तैय़ारी करने वाला, पेशरव और सवाब का ज़रिया बना दे।) (1) ...................................... (1) ह़सन बसरी बच्चे के जनाज़े पर सूरा फ़ातिह़ा और यह दुआ पढ़ते थे। बग़वी की किताब शरह़ुस-सुन्नाः5/357, अब्दुर रज़्ज़ाक़, हदीस संख्याः6588, बुखारी ने इसे किताबुल-जनाइज़, 65 जनाज़े पर फ़ातिह़ा पढ़ने का बाब में मुअ़ल्लक़ जि़क्र किया है। 2/113, हदीस संख्याः1335 से पहले।

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