वह दुआएँ जो शैतान तथा उसके वस्वसों को दूर करती हैं

141. (शैतान से अल्लाह की पनाह मांगना।) (1) ............................. (1) अबू-दाऊदः1/203, हदीस संख्याः764, इब्ने माजाः1/265, हदीस संख्याः807, इस ह़दीस की तख़रीज दुआ संख्याः31 में गुज़र चुकी है। देखिए सूरा मोमिनून, आयत संख्याः97-98

142. (अज़ान) (1) ............................. (1) मुस्लिमः1/291,हदीस संख्याः389, बुख़ारीः1/151, हदीस संख्याः608

143. (मस्नून दुआएं और क़ुरआन की तिलावत।) (1) ............................ (1) (तुम अपने घरों को क़ब्रिस्तान मत बनाओ, शैतान उस घर से भागता है जिसमें सूरा बक़रा पढ़ी जाती है।) मुस्लिमः1/539,हदीस संख्याः780, और सूबह़-शाम तथा सोने-जागने की दुआएं, घर में प्रवेश करने और घर से बाहर निकलने की दुआएं, मस्जिद में प्रवेश करने और मस्जिद से बाहर निकलने की दुआएं भी शैतान को भगाती हैं। इसी तरह़ दूसरी मस्नून दुआएं जैसे सोते समय आयतुल-कुर्सी पढ़ना, सूरा बक़रा की अन्तिम दो आयतें पढ़ना तथा जो आदमी सौ बार ये दुआ पढ़ेःअल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं। वह अकेला है, उसका कोई शरीक नहीं। बादशाही उसी की है, उसी के लिए सब तारीफ़ है और वह हर चीज़ पर क़ुदरत रखने वाला है, तो पूरा दिन शैतान से मह़फूज़ रहेगा। इसी तरह़ अज़ान भी शैतान को भगाता है।

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