बीमार पुर्सी की फजीलत

149. रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमायाः(आदमी जब अपने मुस्लिम भाई की बीमार पुर्सी के लिए जाता है तो वह बैठने तक जन्नत के मेवों में तथा फ़लों में चलता है, जब वह बैठ जाता है तो उसे (अल्लाह की) रह़मत ढांप लेती है, अगर सुबह़ के समय गया तो शाम तक सत्तर हजार फ़रिश्ते उसके लिए दुआ करते रहते हैं और अगर शाम के समय गया तो सत्तर हजार फ़रिश्ते उसके लिए सुबह़ तर दुआ करते रहते हैं।) (1) ............................... (1) तिर्मिज़ी ह़दीस संख्याः969, इब्ने माजा ह़दीस संख्याः1442, अह़मद ह़दीस संख्याः975 और देखिएः सही़ह़ इब्ने माजाः1/244, सह़ीह़ तिर्मिज़ीः1/286, इसे शैख अह़मद शाकिर ने भा सह़ीह़ कहा है।

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