रुक्ने यमानी और हजरे अस्वद् के दरमियान की दुआ

235. (ऐ हमारे रब! हमें दुनिया और आख़िरत में भलाई अता फ़रमा और जहन्नम के अज़ाब से बचा।) (1) ................................... (1) अबू दाऊदः2/179, ह़दीस संख्याः1894, अह़मदः3/411, ह़दीस संख्याः15398, बग़वी की शरह़ुस-सुन्नाः7/128 और शैख़ अल्बानी ने इसे सह़ीह़ अबू दाऊदः1/354 में ह़सन कहा है। आयत सूरा बक़राः201 की है।

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