नींद से जागने के बाद की दुआएं

1. (सारी प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने हमें मारने के बाद ज़िन्दा किया और उसी की तरफ उठकर जाना है।) ........................... (1) बुखारी फ़त्ह़ुल-बारी के साथ 11/113

2. (अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं। वह अकेला है। उसका कोई शरीक नहीं। उसी के लिए बादशाही है, उसी के लिए सब तारीफ़ है और वह हर चीज़ पर क़ादिर है। अल्लाह पाक है। सब तारीफ़ अल्लाह के लिए है। अल्लाह के सिवा कोई सच्चा माबूद नहीं। अल्लाह सबसे बड़ा है। सर्वोच्च एवं महान अल्लाह की मदद के बिना न किसी चीज़ से बचने की ताकत है और न कुछ करने की शक्ति। ऐ मेरे रब! मुझे बख्श दे।) (1) ......................... (1) जो आदमी ये दुआ पढ़े, उसे माफ़ कर दिया जाता है, फिर यदि वो कोई दुआ करे तो उसकी दुआ क़बूल होती है। और अगर वो उठ खड़ा हो, वुज़ू करे और नमाज़ पढ़े, तो उसकी नमाज़ क़बूल होती है। बुख़ारी फ़त्ह़ुल-बारी के साथ 3/39, हदीस संख्याः1154, आदि। शब्द इब्ने माजा के हैं। देखिएः सह़ीह़ इब्ने माजाः 2/335

3. (सारी प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने मेरे बदन को हर प्रकार की बीमारियों से पाक रखा, मेरे प्राण को मेरे शरीर में लौटा दिया और मुझे अपने ज़िक्र की इजाज़त दी।) (1) ............................ (1) तिर्मिज़ीः5/473, हदीस संख्याः3401 और देखिएः सह़ीह़-तिर्मिज़ीः3/144

4. (बेशक आसमानों और ज़मीन की पैदाइश और रात-दिन के हेर-फेर में अ़क़्ल वालों के लिए निशानियां हैं, जो खड़े, बैठे और लेटे हर ह़ालत में अल्लाह को याद करते हैं और आसमानों और ज़मीन की पैदाइश के सम्बंद में सोच-विचार करते हैं और कहते हैंः ऐ हमारे रब! तूने इन्हें बेमक़्सद नहीं पैदा किया है। तू पाक है। हमें जहन्नम के अज़ाब से बचा ले। ऐ हमारे रब! जिसे तूने जहन्नम में डाला, अवश्य ही तूने उसे रुसवा किया और ज़ालिमों का कोई मददगार नहीं। ऐ हमारे रब! हमने एक पुकारने वाले को सुना, जो ईमान के लिए पुकार रहा था कि अपने रब पर ईमान लाओ, तो हम ईमान ले आए। ऐ हमारे रब! हमारे गुनाहों को माफ कर दे, हमारी बुरीइयों को हमसे मिटा दे और मरने के बाद हमें नेक बंदों के साथ करदे। ऐ हमारे रब! तूने जिन-जिन चीज़ों के बारे में हमसे अपने पैग़म्बरों की ज़बानी वादे किए हैं, वो हमें अता कर और क़्यामत के दिन हमें रुसवा न करना। इसमें कुछ शक नहीं कि तू वादा ख़िलाफ़ी नहीं करता। अतः उनके रब ने उनकी दुआ क़बूल कर ली (ये कह कर) कि तुम में से किसी काम करने वाले के काम को, चाहे वो मर्द हो या औरत, मैं कभी नष्ट नहीं करता। तुम आपस में एक-दूसरे से हो, अतः वे लोग जिन्होंने हिजरत की और अपने घरों से निकाल दिए गए औऱ जिन्हें मेरी राह में कष्ट दी गई और जिन्होंने जिहाद किया और शहीद किए गए, मैं अवश्य उनकी बुराइयां उनसे दूर कर दूंगा और अवश्य उन्हें उन जन्नतों में ले जाऊंगा, जिनके नीचे नहरें बह रही हैं, ये है सवाब (पुण्य) अल्लाह की ओर से और अल्लाह ही के पास बेहतरीन बदला है। तुझे काफ़िरों का नगरों में चलना-फिरना धोखे में न डाल दे। ये तो बहुत ही थोड़ा लाभ है, उसके बाद उनका ठिकाना जहन्नम है और वह बुरा स्थान है। लेकिन जो लोग अपने रब से डरते रहे, उनके लिए जन्नतें हैं, जिनके नीचे नहरें बह रही हैं, उनमें वे हमेशा रहेंगे। ये मेहमानी है अल्लाह की ओर से, और नेक लोगों के लिए जो कुछ अल्लाह तअाला के पास है, वह बहुत ही बेहतर है। अवश्य अह्ले किताब में से कुछ ऐसे भी हैं, जो अल्लाह तआला पर ईमान लाते हैं औऱ तुम्हारी ओर जो उतारा गया है और उनकी ओर जो उतारा गया है, उस पर भी ईमान लाते हैं, अल्लाह तआला से डरते हैं और अल्लाह तआला की आयतों को थोड़ी-थोड़ी क़ीमत पर बेचते भी नहीं, उनका बदला उनके रब के पास है, निःसंदेह अल्लाह तआला जल्द हिसाब लेने वाले है। ऐ ईमान वालो! तुम डटे रहो और एक-दूसरे को थामे रखो और जिहाद के लिए तैयार रहो औऱ अल्लाह तआला से डरते रहो, ताकि तुम कामयाब हो।) (1) ............................ (1)आयतें आले इमरान (190-200) की हैं। बुखारी फ़त्ह़ुल-बारी के साथः8/337, हदीस संख्याः4569, मुस्लिमः1/530, हदीस संख्याः256

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