मैयित की आँखें बन्द करते समय की दुआ
155. (ऐ अल्लाह! अमुक को (उसका नाम लेकर कहे) बख़्श दे, हिदायत पाने वालों में उसका दर्जा (पद) बुलन्द कर और उसकेे बाद उसके पीछे रहने वालों में तू उसका जा-नशीन (प्रतिनिधि) बन जा। ऐ सारे जहान वालों के रब! हमें और इसे बख़्श दे, इसके लिए इसकी क़ब्र को फैला दे और इसके लिए उसमें रौशनी कर दे।) (1)
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(1) मुस्लिमः2/634, हदीस संख्याः920